पाया कि औद्योगिक उपभोक्ता बिजली की सप्लाई के लिए 5. 20 प्रति यूनिट देने को तैयार थे।
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औद्योगिक उपभोक्ता खासकर फ्लोर मिलों ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं का आवंटन बढ़ाने का कई बार अनुरोध किया।
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उदारीकरण से पहले तक कोयले के सबसे बड़े औद्योगिक उपभोक्ता अर्थात बिजली, लोहा व इस्पात और सीमेंट के कारखाने भी ज़्यादातर राज्यों के स्वाधिकृत कारखाने ही रहे हैं, लेकिन वास्तव में रेलवे ही एक ऐसी संस्था है जिसके पास कोयले को बड़े पैमाने पर उठाने और उसे वितरित करने की अच्छी-खासी मूल्य-शक्ति है.
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भारतीय चीनी मिल एसोसिएशन (एस्मा) के अध्यक्ष ओम धानुका का कहना है कि जब सरकार को यह महसूस हो जाएगा कि देश की चीनी की सबसे ज्यादा खपत औद्योगिक उपभोक्ता ही करते हैं और समय-समय पर अधिक कीमतों के लिए शोर भी वही मचाते हैं तो वह इसे बंद भी कर सकती है।
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उदारीकरण से पहले तक कोयले के सबसे बड़े औद्योगिक उपभोक्ता अर्थात बिजली, लोहा व इस्पात और सीमेंट के कारखाने भी ज़्यादातर राज्यों के स्वाधिकृत कारखाने ही रहे हैं, लेकिन वास्तव में रेलवे ही एक ऐसी संस्था है जिसके पास कोयले को बड़े पैमाने पर उठाने और उसे वितरित करने की अच्छी-खासी मूल्य-शक्ति है.